सोमवार, 29 जुलाई 2013

पारिजात वृक्ष

पारिजात वृक्ष को लेकर गहन अध्ययन कर चुके रूड़की के कुंवर हरि सिंह यादव ने बताया कि यंू तो परिजात वृक्ष की प्रजाति भारत में नहीं पाई जाती, लेकिन भारत में एक मात्र पारिजात वृक्ष आज भी उ.प्र. के बाराबंकी जनपद अंतर्गत रामनगर क्ष्ोत्र के गांव बोरोलिया में मौजूद है। लगभग 50 फीट तने व 45 फीट उंचाई के इस वृक्ष की ज्यादातर शाखाएं भूमि की ओर मुड़ जाती है और धरती को छुते ही सूख जाती है।
एक साल में सिर्फ एक बार जून माह में सफेद व पीले रंग के फूलो से सुसज्जित होने वाला यह वृक्ष न सिर्फ खुशबू बिखेरता है, बल्कि देखने में भी सुन्दर लगता है। आयु की दृष्टि से एक हजार से पांच हजार वर्ष तक जीवित रहने वाले इस वृक्ष को वनस्पति शास्त्री एडोसोनिया वर्ग का मानते हैं। जिसकी दुनियाभर में सिर्फ 5 प्रजातियां पाई जाती है। जिनमें से एक डिजाहाट है। पारिजात वृक्ष इसी डिजाहाट प्रजाति का है। कुंवर हरि सिंह यादव अपने षोध आधार पर बताते है कि एक मान्यता के अनुसार परिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुन्द्र मंथन से हुई थी । जिसे इन्द्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था। कहा जाता है जब पांडव पुत्र माता कुन्ती के साथ अज्ञातवास पर थे तब उन्होने ही सत्यभामा की वाटिका में से परिजात को लेकर बोरोलिया गांव में रोपित कर दिया होगा। तभी से परिजात गांव बोरोलिया की शोभा बना हुआ है। देशभर से श्रद्धालु अपनी थकान मिटाने के लिए और मनौती मांगने के लिए परिजात वृक्ष की पूजा अर्चना करते है। पारिजात में औषधीय गुणों का भी भण्डार है। पारिजात बावासीर रोग निदान के लिए रामबाण औषधी है। पारिजात के एक बीज का सेवन प्रतिदिन किया जाये तो बावासीर रोग ठीक हो जाता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाकर गुदा पर लगाने से बावासीर के रोगी   को बडी राहत मिलती है। पारिजात के फूल हदय के लिए भी उत्तम औषधी माने जाते हैं। वर्ष में एक माह पारिजात पर फूल आने पर यदि इन फूलों का या फिर फूलो के रस का सेवन किया जाए तो हदय रोग से बचा जा सकता है। इतना ही नहीं पारिजात की पत्तियों को पीस कर शहद में मिलाकर सेवन करने से सुखी खासी ठीक हो जाती है। इसी तरह पारिजात की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधि रोग ठीक हो जाते है। पारिजात की पत्तियों से बने हर्बल तेल का भी त्वचा रोगों में भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। पारिजात की कोंपल को अगर 5 काली मिर्च के साथ महिलाएं सेवन करे तो महिलाओं को स्त्री रोग में लाभ मिलता है। वहीं पारिजात के बीज जंहा हेयर टानिक का काम करते है तो इसकी पत्तियों का जूस क्रोनिक बुखार को ठीक कर देता है। इस दृश्टि से पारिजात अपनेआपमें एक संपूर्ण औषधी भी है।
इस वृक्ष के ऐतिहासिक महत्व व दुर्लभता को देखते हुए जंहा परिजात वृक्ष को सरकार ने संरक्षित वृक्ष घोषित किया हुआ है। वहीं देहरादून के राष्ट्रीय वन अनुसंधान संस्थान की पहल पर पारिजात वृक्ष के आस पास छायादार वृक्षों को हटवाकर पारिजात वृक्ष की सुरक्षा की गई। वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. एसएस नेगी का कहना है कि पारिजात वृक्ष से चंूकि जन आस्था जुडी है। इस कारण इस वृक्ष को संरक्षण दिये जाने की निरंतर आवश्यकता है। इस वृक्ष की एक विषेशता यह भी है कि इस वृक्ष की कलम नहीं लगती ,इसी कारण यह वृक्ष दुर्लभ वृक्ष की श्रेणी में आता है। भारत सरकार ने पारिजात वृक्ष पर डाक टिकट भी जारी किया। ताकि अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पारिजात वृक्ष की पहचान बन सके।

यह सारी जानकारी संजाल से ली गई है





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मंगलवार, 16 जुलाई 2013

विन्डोज के कुछ साॅर्टकट






विन्डोज केकुछ साॅर्टकट
         
क्रं.
साॅर्टकट कुंजी
कार्य
1.                  
Supar/Windowse Logo key + D
डेस्क्टाॅप पर जाने के लिये।
2.                  
Supar/Windowse Logo key + Tab
सभी खुली हुई विन्डो को देखने तथा उनमें से किसी एक पर जाने के लिये।
3.
Supar/Windowse Logo key
स्टार्ट मीनू पर जाने के लिये।
4.
Supar/Windowse Logo key+E
विन्डोज एक्सप्लोरर या माय कम्प्यूटर खेालने के लिये।
5.
Esc/Escape
किसी दिये गये निर्देश को निरस्त करने के लिये।
6.
Tab
सक्रिय विन्डो के विकल्पों पर फोकस बदलने के लिये।
7.
Alt +Tab
सभी खुली हुई विन्डो में से किसी एक पर जाने के लिये ।
8.
Alt
हाॅट की अक्षरों को देखने के लिये।
9.
Alt + <Hot key latter>
हाॅट की को सक्रिय करने के लियैं
10.
Alt+F4
सक्रिय विन्डो(टास्क) को बंद करने के लिये।
11.
Ctrl
माऊस प्वांटर की fस्थ्ति जानने हेतु।
12.
Ctrl+Tab
सक्रिय विन्डो के विकल्पों के चयन हेतु।
13.
Ctrl+C
चयनित सामग्री की प्रति(काॅपी) करने हेतु।
14.
Ctrl+X
चयनित सामग्री को कट करने हेतु।
15.
Ctrl+V
काॅपी/कट किये गये मैटर(सामग्री) को पेस्ट(चिपकाने)हेतु।
16.
Ctrl+ Insert /Ins key
काॅपी/कट किये गये मैटर(सामग्री) को पेस्ट(चिपकाने)हेतु।
17.
F1
सक्रिय विन्डो से संबधित सहायतार्थ।
18.
F2
चयनित आईटम को रीनेम करने हेतु।
19.
F3
सर्च करने हेतु विन्डो एक्सप्लोरर में।
20.
F4
एड्रेसबार में जाने हेतु।बेव ब्राऊजर/ विन्डो एक्सप्लोरर में।
21.
F5
रीफ्रेस/पुनर्भरण (बेव ब्राऊजर/ विन्डो एक्सप्लोरर में।)
22.
F5
फाईंड और रीप्लेस (एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
23.
F6
एड्रेसबार तथा पेज के विकल्पोेंपर स्विfचंग के लिये।(बेव ब्राऊजर/ विन्डो एक्सप्लोरर में।)
24.
F6
हाॅट की कोे एक्टिव करने के लिये।(एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
25.
F6
डेस्कटाॅप तथा टास्कवार के विकल्पों के स्विfचंग के लिये।
26.
F7
बेवपेज में कर्सर को मूव कराने के लिये।(इंटरनेट एक्सप्लोरर में)
27.
F7
स्पेfलंग व ग्रामर चेfकंग के लिये।(एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
28.
F8
मैटर को सलेक्ट करते समय कर्सर को लाॅक करने के लिये।(एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
29.
F9
मझला कोष्ठक लगाने के लिये।(एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
30.
F10
हाॅट की कोे एक्टिव करने के लिये।
31.
F11
विन्डो को फुल स्क्रीन करने के लिये।
32.
F12
सेव एस विकल्प(एम.एस.वर्ड/एक्सेल)
33.
F12
डेवलाॅपर टूल्स (बेव ब्राऊजर में)
34.
Ctrl+F
फाईंड/खेाज/सर्च करने हेतु।
35.
Ctrl+D
चयनित सामग्री को डिलेट करने हेतु।
36.
Shift+F10
काॅन्टेक्स्ट मेनू/राईट क्लिक।
37.
Ctrl+Shift+F
फाॅन्ट बदलने हेतु।(एम.एस.वर्ड/एक्सेल में)
38.
Ctrl+P
fप्रंट कमांड।
39.































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